अगर आपका बच्चा छोटा है तो बच्चे को कैसे पढ़ाएं ? छोटे बच्चों को पढ़ाने के तरीका, बच्चे कि स्टडी intrest बढ़ाने का बेस्ट tips
आज कि यह post kids spacial hai.
छोटे बच्चों को पढ़ाने के best तरीके एवं tips -
माता-पिता को अपने बच्चों को पढ़ाने में समस्या यह होता है की छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं, इसी समस्या का हल लेकर आये हैं, जानेंगे कि घर पर छोटे बच्चों को पढ़ाने का तरीका।
आपके बच्चों को पढ़ना उनके भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी होता है और यह एक माता-पिता के लिए परेशानी का विषय बना रहता है की उनके बच्चे पढ़ पाएंगे की नहीं, नहीं पढ़ेंगे तो उनका आगे का भविष्य का क्या होगा, और इसी सब के कारण बच्चे के माता-पिता उन्हें एक अच्छे स्कूल में नामांकन भी करा देते हैं ताकी उनके बच्चे पढ़ें लेकिन होता यह है की कई बार बच्चे स्कूल तो जाते हैं मगर वह ठीक से पढाई नहीं करते हैं,और अपने स्कूल में होनेवाले एग्जाम या मासिक टेस्ट में बहुत काम नंबर लाते हैं उसके बाद माता-पिता को ऐसा लगने लगता है की हमारे बच्चे पढ़ाई में कमजोर है | मगर ऐसा बात नहीं हैं बस जरूरत है उन्हें एक अच्छे मार्गदर्शन का जिसके बाद अच्छी से पढ़ सकेंगे। तो आइये जानते हैं छोटे बच्चों को पढ़ाने के तरीके. जिन्हें अपनाकर आप भी अपने बच्चों को पढ़ा सकेंगे।
छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाएं बेसिक स्पेशल tips -1
बच्चे से बात करें...
बच्चों को पढ़ाई में मदद करें...
बच्चे को पढ़ायी के महत्व को बताएं..
बच्चों को होम वर्क दें..
किताबों से कराएँ दोस्ती, बच्चे को लिखना सिखाएं...
पढ़ाई का दबाव न बनाएं...
बच्चों को दोस्त बनाएं...
Tips-2
बच्चे के पढ़ने के तरीके को समझे..
बच्चों का पढ़ने का समय बनाएं..
छोटी-छोटी चीजों से करें शुरु..
अनुशासन का रखें ख्याल...
बच्चे की गलतियाँ सुधारे..
सफलता और विफलता में अंतर को बताएँ...
बच्चे को डांटने से बचे।...
Tips-4
उनको रोज नयी बाते बताएं...
बच्चों को उत्साहित करें..
बच्चों के पसंद के विषय पूछें..
मार्क्स का दबाव ना बनाएं...
बच्चों के मनोरंजन का रखें ख्याल...
खेलने से न रोकें...
बच्चों को समय का महत्व बतायें..
किताब पढ़ना सिखाएं..
महत्वपूर्ण बिन्दुओं को बतायें..
टेस्ट जरूर लें..
Tips-5
बच्चों को नैतिकता सिखाए...
बच्चे को रोज याद करने के लिए देते रहें..
इंग्लिश जरूर सिखाएं...
इतिहास की जानकारी दें..
पढ़ाई में मदद करें..
Tips-6
बच्चों को गणित सिखाएं..
बच्चे को प्रतियोगिता में भाग लेने दें..
बच्चे को लाभ –हानि बताएं...
स्कूल से प्रतिक्रिया लेते रहें।...
Kids Study tips in Details -
छोटे बच्चों को नयी बातों को सिखने के लिए प्रेरित करें जो वह अभी नहीं जानते हों। इस तरह से पढ़ना सीख जाएंगे।
बच्चों को पढ़ाई के साथ नैतिक ज्ञान morral abilities भी देते रहें यह पढ़ने वाले बच्चों के लिए बहुत ही jaroori होता है।
बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होता है की वह अपने माता-पिता या घर के बड़े लोगों से डरते हैं, ऐसे में उनके साथ एक दोस्त के जैसा व्यवहार करें। उनके हर सवालों को एक मित्र की भांती ही पुछा करें।
सबसे पहले उन्हें किताबें पढ़ना सिखाएं ताकि वह खुद से भी कुछ पढ़ सकें। और उनके सब्जेक्ट से अलग किताबें भी पढ़ने को दे ज्यादा बच्चे रंगीन और चित्रों से भरी हुई किताबों को पसंद करते हैं तो उन्हें उसी प्रकार के किताबें लाकर दें।
रोज बच्चों के होम वर्क बनाने में मदद करें और उनसे पूछे की उनकी कोई ऐसा विषय है जिनमें उन्हें समझ में ना आता हो वह समझाएं। जिससे उनके पास ज्यादा सवालों को लेकर तनाव उत्त्पन्न ना हो।
बच्चों को यह समझाएं की पढ़ना उनके लिए बहुत ही जरूरी हैं। और बच्चों के पढ़ने के फायदे का बारे में समझाएं। बच्चों को कहानी या कोई ऐसा कुछ सुनाएं जिनसे की उन्हें पढ़ाई की और उनका रुझान बढ़ें।
बच्चों को कोई छोटी- छोटी टास्क दें और उसे पूरा करने को कहें, और पूरी होने के बाद उन्हें शाबासी जरूर दें। और साथ ही उनके हल करने में अपना मार्गदर्शन जरूर दें। जब भी बच्चों को पढ़ाएं तो उन्हें घर के लिए या फ्री समय के लिए कुछ न कुछ टास्क जरूर दें जैसे की याद करना या गणित के सवालों को हल करना आदि। नही तो बच्चे आपके अनुपस्थिति में खुद से पढ़ने वाले नही।
बच्चों को पढ़ाते वाक्य यह ध्यान रखें की उन्हें लिखने को ज्यादा कहें अगर आपके बच्चे को अभी ठीक से लिखना नहीं आता तो उन्हें लिखने को सिखाएं नहीं तो उन्हें पेन्सिल से ड्राइंग बनाने को दें।
पढ़ने का दबाव न बनाएं और उनके ही मन मुताबिक पढ़ने को कहें, और पढ़ने के लिए जबरदस्ती ना करें, जब भी बच्चों के साथ बैठे उनसे प्यार से प्रश्न पूछें, और उनके जबाव की जबरदस्ती ना करें।
बच्चे की पढ़ने की तरीके को समझे और उन्हें वैसा ही करने दे क्योंकि सभी लोगों की पढ़ने और लिखने का तरीका अलग अलग हो सकता है।
बच्चे की इतना समझ नहीं होते हैं की वे खुद से ही पढ़ने के लिए बैठ सकें वो भी एक समय पर उनका जब मन होगा पढ़ेंगे जब मन नहीं करेगा पढ़ने से दिल चुरायेंगे, तो ऐसे में आप खुद ही उनके पढ़ने के लिए समय तय करें और उस वक्त का पालन कराएँ।
बच्चे को पढ़ाते वक्त ये ध्यान रखें की उन्हें हल्की व आसान चीजें सिखाएं, और वक्त के साथ इसमें बदलाव करते रहें।
बच्चों को पढ़ाते वक्त सिर्फ किताब ही नहीं बल्कि नैतिक आदतों पर भी ध्यान दे और ये सब के साथ ही उन्हें सदा अनुशासित रहना भी सिखाएं।
स्कूल से आने के बाद उनके साथ बैठें और उनके स्कूल की गतिविधियों के बारे में जानने की प्रयास करें।
समय-समय पर उनके होम-वर्क की कॉपी को देखा करें और उनमें होने वाली गलतियों में सुधर कराएँ।
अपने बच्चों को सफलता के राज बताएं और साथ ही यह भी समझाएं की असफलता से नहीं दरें बल्कि विफलता से सिखने को कहें। इस स्थिति में बच्चों को हताश ना होने अलावा उनका हौसला कायम रखने के लिए बोल सकतें हैं।
पढ़ाते वक्त बच्चों को डांटे नहीं बल्कि उनके गलतियों को नोट करें और पुनः समझाने के बाद फिर से प्रश्नों को हल करने को दें।
अपने बच्चों को नए-नए चीजों के बारे में बताएं जो की बिना वजह के भी हो सकता है। और उनके पसंद की चीजों को जानने की कोशिश करें और उसी से जुडी हुई बातें को बताएं। और उसके बारें में प्रश्नों को जानने की प्रयास करें।
उनसे कोई कविता या कहानी कहने को कहें अगर ऐसा न करते हों तो उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। और अपने बच्चों को आपस में कविता या कहानियां सुनने और सुनाने को कहें। इस तरह मनोरंजन के साथ-साथ पढ़ाई भी हो जायेगा।
सभी बच्चे की पसंद एक जैसा तो हो नहीं सकता है ऐसे में उनसे ही पूछे की उनका मन कौन सा विषय में ज्यादा लगता है, और उनकी पसंद के अनुसार विषयों में आप भी रुची लें और उन्हें ये बताएं की इस विषय में किस तरह के चींजे होते हैं और क्या पढ़ना है।
ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को यह सोचकर पढ़ाते हैं ताकि उनकी नम्बर ज्यादा आये लेकिन ये बहुत बड़ा गलत आदत है इसीलिए बच्चों पर अभी मार्क्स का दबाव ना बनायें।
उनके मनोरंजन का भी ख्याल रखें छुट्टियों वाले दिनों में अपने आस-पास घुमाने ले जा सकते हैं। और साथ ही ऐसे जगह जाए जहाँ इतिहास जुड़ी हो और उसके बारे में चर्चा करें। इससे बच्चे प्रायोगिक तरीके से किसी भी चीज को सीख पायेंगे और लम्बे समय तक भुलाएँगे नही।
छोटे बच्चों को कभी खेलने से नहीं रोकें बल्कि उन्हें समय के अनुसार खेलने भी दें और अपने आस परोस के बच्चों के साथ मिलने दे ऐसा करने से बच्चा दुनिया के बारे में भी सिख पाएंगे। ऐसे भी बच्चे अभी नहीं तो कब खेलेंगे। इसिलिए बच्चों को खेलने से ना रोकें।
छोटे बच्चों को पढ़ाई के दौरान समय का भी महत्व को बताएं जिससे बच्चें समय पर अपना पढ़ाई कर सके। मैं तो कहता हूँ की पढ़ाई में सबसे ज्यादा योगदान समय की ही होती है।
जब बात बच्चों की पढ़ाने की हो तो उन्हे किताबें पढ़ना जरूरी सिखाएं। ज्यादातर मामलों में यह देखा जाता है की बच्चे को किताबें पढ़ना नही आता है और वे क्लास में भी बढ़ोतरी करते रहते हैं।
आप जानतें हैं की बच्चों को एक हद तक ही कुछ सिखाया जा सकता है इसिलिए छोटे बच्चों को उनके लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण टॉपिक को बताएं।
बच्चों को सही मायने में पढ़ाना का मतलब जानना हो तो यह बात अच्छी से समझ लें, जब भी आप बच्चों को पढ़ा रहे हो तो बीच बीच में उनका टेस्ट लेते रहें ताकि आपको यह पता चल पाए की आपके द्वारा पढ़ाई गई चींजे उन्हे समझ में आ रही है
जब भी बच्चे को पढ़ा रहे हो तो उन्हें कुछ न कुछ याद करने के लिए जरूर कहें जैसे की कुछ gk, मीनिंग, कविताएं ये सब, जिससे बच्चे की ज्ञान में बढ़ोतरी होगी।
बच्चे के लिए पढ़ाई की शुरूआत ही अंग्रेजी से ही की जाती है फिर भी उन्हें Abcdefg के साथ अंग्रेजी में आवश्यक टॉपिक सिखाते रहें।
ऐसा नहीं है की बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही देना उचित होगा आप चाहे तो उन्हें और भी कई तरह के ज्ञान दें सकते हैं। इसी में से एक है इतिहास की जानकारी दें उसे रोचक बनाने के लिए कई महापुरषों की कहानी या जीवनी सुनाएं।
जैसा कि आप जानते हैं की बच्चे को सहारे की जरूरत होती है। तो आप सोच सकते हैं की उन्हें पढ़ाई में भी आपकी मदद की जरूरत हो सकती है। इसीलिए बच्चों को पढ़ने में आप अपनी योगदान जरूर देते रहें।
अगर आप बच्चे को पढ़ाते हैं तो उन्हें गणित जरूर सिखाएं शुरुआत में उन्हें संख्याओं की पहचान और संख्या या वस्तु को जोड़ना घटाना इत्यादि सीखा सकते हैं।
पढ़ाई के दौरान एक विद्यार्थी को कई तरह से ज्ञान को अर्जित करना पड़ता है। ठीक वैसे ही उन्हें मानसिक विकास के लिए उन्हें प्रतियोगिता भी करना आवश्यक होता है।
बच्चे को शुरुआती दिनों में ही लाभ–हानी की सवालों को जरूर हल करना सिखाएं क्योंकि बच्चे भी इस तरह के सवालों को हल करने में काफी उत्साहित होते हैं।
यदि घर पर बच्चों को पढ़ाते हैं तो उनके स्कूल से बच्चे के बारे में प्रतिक्रिया लेते रहें। स्कूल के शिक्षक से जरूर बात करें और बच्चे के बारे में प्रतिक्रिया लें की उसका विकास कैसा हो रहा है
स्कूल में बच्चों को अच्छे से पढ़ाने के लिए उनके घर वालों से प्रतिक्रिया लेनी आवश्यक है, क्योंकि बच्चे को घर पर भी पढ़ाई का माहौल मिलना आवश्यक होता है।
अगर आप एक शिक्षक या बच्चे की अभिभावक हैं तो बच्चे से उनके पढ़ाई के बारे में बाते जरूर करें इस दौरान उनके परेशानी के साथ उन्हें क्या जरूरत है उनके बारे में पता करें और उन्हें सॉल्व करें। I u hope like my tips...
Thanks for your support......
