गर्मी से बचने के कारगर एवं बेहतरीन उपाय

 

बहुत गर्मी पड़ी अब के बरस भी
मई और जून मुश्किल में जिया है
- शम्स तबरेज़ी 


शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए
- राहत इंदौरी 

शदीद गर्मी में कैसे निकले वो फूल-चेहरा
सो अपने रस्ते में धूप दीवार हो रही है
- शकील जमाली 


फिर वही लम्बी दो-पहरें हैं फिर वही दिल की हालत है
बाहर कितना सन्नाटा है अंदर कितनी वहशत है
- ऐतबार साजिद 

गर्मी से मुज़्तरिब था ज़माना ज़मीन पर
भुन जाता था जो गिरता था दाना ज़मीन पर
- मीर अनीस 


गर्मी सी ये गर्मी है
माँग रहे हैं लोग पनाह
- उबैद सिद्दीक़ी 

गर्मियों भर मिरे कमरे में पड़ा रहता है
देख कर रुख़ मुझे सूरज का ये घर लेना था
- ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

गर्मी का मौसम चल रहा है। पूरा पश्चिमी, मध्य और उत्तरी भारत चिलचिलाती धूप और तेज लू से तप रहा है। दक्षिण भारत में लू का प्रकोप तो नहीं होता, लेकिन वहां की उमस भरी गर्मी में पसीना खूब निकलने के कारण शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा घट जाती ह। महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में गर्मी की चपेट में पूरा क्षेत्र आ जाता है।


ऐसे शुष्क और उष्ण मौसम में खान-पान और पहनावे पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि लू और गर्मी की वजह से शरीर में होने वाली पानी की कमी से बचा जा सके। यही वह समय है, जब परीक्षा के पश्चात गर्मी की छुट्टियाँ भी होती हैं। इसी मौसम में शादी-विवाह भी ज्यादा होते हैं। इसे सैर-सपाटे का मौसम भी कह सकते हैं।


गर्मी से बचने के लिए अनेक घरेलू नुस्खे भी अपनाये जाते हैं। प्राय: शरीर में जल की कमी के कारण अनेक दिक्कतें पैदा होने लगती है। इसलिए इस मौसम में स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। यहां पर हम कुछ सावधानियों का उल्लेख कर रहे हैं :–


सही खान-पान गर्मी के मौसम में खान-पान पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पेट की खराबी और अधिक तैलीय व मसालेदार खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से पाचन-क्रिया प्रभावित होती है। इससे अनेक व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसके लिए निम्न बातों का खयाल रखना चाहिए।

ऐसे में अगर आपको गर्मी के चलते बीमार होने से बचना है तो इन घरेलू नुस्खों को जरूर आजमाएं.

ठंडा पानी पिएं रोजाना पर्याप्त मात्रा में ठंडा पानी पिएं. ...

ज्यादा तेल मसाला खाने से बचें सबसे पहले गर्मियों में शरीर को ठंडा रखना जरूरी है. ...

मूली का सेवन करें मूली फाइबर में भरपूर है. ...

दही ...

विटामिन सी ...

तिल का सेवन ...

पुदीना ...

प्याज

 इस मौसम में हरी-सब्जियों, जैसे ककड़ी, तोरई, लौकी, नेनुआ, कमलककड़ी का सेवन खूब करें।

 इनमें जलीय अंशों की अधिकता होती है। इससे शरीर शीतल रहता है।

गरम मसालों का उपयोग: लौंग, जायफल, दालचीनी का प्रयोग कम करें। इनमें उष्णता अधिक होती है। इनके सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ती है।

नास्ते में चिउड़ा (पोहा) ,दलिया, इडली और फल लीजिए।

 नाश्ते में पराठा, पूड़ी, डोसा, भटूरा, कचौड़ी जैसी तैलीय चीजों को न लें।

 चाय और काफी का उपयोग कम करें।

भोजन के समय पूदीना, प्याज और कच्चे आम की चटनी अवश्य खायें ।

खिचड़ी में सब्जियां डालकर प्रति दिन लिया जा सकता है।

 सुपाच्य खाद्य-पदार्थों का सेवन करें।

बासी और फ्रीज में कई दिनों तक रखे खाद्य-पदार्थों का सेवन न करें।

 भूख से थोड़ा कम ही खायें -विशेषकर घर से बाहर निकलते समय।


शीतल पेय


गर्मी में अधिक शुष्कता के कारण शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है। इसकी पूर्ति के लिए बार-बार जल और जलीय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। शीतल पेय के रूप में बाजार में अनेक कंपनियां के उत्पाद भरे पड़े हैं । इनमें अधिकांश प्रदूषित और कृत्रिम

रसायनयुक्त होते हैं । ऐसे पेय स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक होने के साथ खर्चीले भी होते हैं। भारत के प्राय: सभी हिस्सों में घरेलू शीतल पेय तैयार किए जाते है। जहां तक संभव हो इन्हीं घरेलू पेयों का इस्तेमाल करें। स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकर कुछ पेय निम्न हैं:


1) नारियल का पानी — पूरे दक्षिण भारत में नारियल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यहाँ से यह पूरे देश में पहुंचता है। इन दिनों पूरे देश में नारियल का पानी मिल जाता है इसमें पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है। गर्मी में इसका सेवन सबसे अच्छा होता है।

2) नारियल का रस – यद्यपि नारियल का पानी ही सबसे उत्तम होता है, लेकिन जहां ताजा पानी नहीं मिलता, वहां नारियल की कच्ची गिरी को पानी के साथ कूंच कर उसका रस निचोड़ लिया जाता हैं और उसमें स्वाद के अनुसार नमक या चीनी मिलाकर पिया जा सकता है।

3) बेल का रस – बेल का शरबत गर्मी के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। यह बेल के गूदे से तैयार किया जाता है। यह पेचीस, अतिसार में गुणकारी होता है। मानसिक तनाव और अल्सर के लिए भी यह फायदेमंद है। गर्मी में मोटापा घटाने में भी यह सहायक होता है।

4) नीबू का रस- नीबू की शिकंजी गर्मी के लिए बहुत अच्छा पेय होता है। इसे घर में आसानी से तैयार किया जा सकता है। मलेरिया, ज्वर, जी मिचलाने और अपच में यह काफी फायदेमंद है। चीनी, नमक के साथ नीबू के प्रयोग से शरीर में जल और ग्लूकोज की कमी को पूरा किया जा सकता है।

5) पुदीने का रस – चूंकि पुदीने में प्राकृतिक रूप से पिपरमिंट पाया जाता है, इसलिए गर्मी में यह बहुत उपयोगी होता है। लू, बुखार, शरीर में जलन और गैस की तकलीफ को दूर करता है। लू लगने पर पुदीने का उपयोग लाभदायी होता है। इससे उल्टी की शिकायत दूर होती है।

6) कोंकम का रस – महाराष्ट्र के कोंकण में बहुतायत में पाये जानेवाले कोंकम का शरबत गर्मी के मौसम में अति-उत्तम माना जाता है। यह पित्त-नाशक होता है। इससे आंतों की गर्मी दूर हो जाती है। उबकाई में इससे लाभ होता है।

7) जलजीरा – किसी भी तरह की अपच,अजीर्णता, पित्त की अधिकता, पेट दर्द, गैस में जलजीरा लाभकारी होता है। पुदीना, नींबू, काला नमक, जीरा, कच्चे आम का पना इत्यादि मिलाकर इसे तैयार किया जाता है।

8) ठंडाई – पूरे उत्तर भारत में गर्मी के मौसम में ठंडाई का उपयोग खूब होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अति-उत्तम पेय होता है।

9) छाछ और लस्सी‡ गर्मी के मौसम में जीरा-नमक डालकर छाछ पीना चाहिए। इसी तरह खारी और मीठी लस्सी का पानी भी स्वास्थ्यवर्द्धक होता है।

सही वस्त्रों का चयन


गर्मी के मौसम में चमकदार, भड़कीले और चटक रंग वाले कपड़े गर्मी को अवशोषित करते हैं। जिससे शरीर की त्वचा जलने लगती है। इसके विपरीत हल्के रंग वाले, सादे रंग उत्तम माने जाते हैं। खास कर पूरी गर्मी में सूती कपड़े पहनना चाहिए। यदि सूती कपड़े उपलब्ध न हों,तो ऐसे कपडे चुनें,जिमें सूती का अंश अधिक हो। धूप में निकलते समय पूरा शरीर ढका होना चाहिए। मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल चलाते समय मुंह, सिर, हाथ ढके होने चाहिए। हवादार तथा पसीना सोखनेवाले कपड़े पहनना चाहिए।


व्यायाम


गर्मी के मौसम में व्यायाम करने में सावधानी बरतनी चाहिए। व्यायाम के समय कपडों का चयन और खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। व्यायाम करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-


1) जिम में व्यायाम करते समय सूती कपड़ें पहनने चाहिए।

2) जुराब पहनते समय पैरों पर घमौरियों वाला पाउडर लगायें और पसीने लगे जूते सुखा लें।

3) यदि संभव हो तो प्रात: सूर्योदय तक व्यायाम पूरा कर लें।

4) दोपहर में कभी भी व्यायाम न करें।

5) व्यायाम के दौरान थोड़ा-थोड़ा पानी लेते रहें।

6) ग्लूकोज़ मिश्रित जल का उपयोग बहुत अच्छा होता है।

7) जिन व्यायामों में पसीना अधिक निकलता है, उसे करने के पश्चात भरपूर पानी पीयें।


रोगों से बचाव


गर्मियों में सिरदर्द और अधकपारी बढ़ जाती है। जिन्हें सिरदर्द रहता है, उन्हें धूप में नहीं निकलना चाहिए। यदि मजबूरन बाहर जाना ही हो, तो सिर पर टोपी, पगड़ी, अंगोछा या कोई कपड़ा रखकर निकलना चाहिए। जिन लोगों को पसीना कम आता है, उन्हें अधिक गर्मी लगती है, थकान रहती है, हल्का-हल्का सिर-दर्द रहता है। उन्हें चक्कर आने की आशंका ज्यादा रहती है। उन्हें अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। त्वचा संबंधी बीमारियाँ गर्मी में बढ़ जाती हैं, इसलिए शरीर को ढँक कर रखना चाहिए।


गर्मी के मौसम में अधिक-से-अधिक कार्य प्रात: और शाम को निपटाना चाहिए। पुदीन हरा, प्याज, कच्चा आम का पना, ग्लूकोज़ युक्त खाद्य-पदार्थ, छाछ और दही का पर्याप्त उपयोग करना चाहिए। इस प्रकार की सावधानी से हम गर्मी के प्रकोप से बचे रह सकते हैं।


इन टिप्स को अपनाएं और गर्मी से बचे रहें धन्यवाद....


Knowledge Bunny

I am a student and i am trying to learnig a bloging skills and other basic knowledge..

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