हार्ट अटैक, सर्दी खासी, स्किन प्रॉब्लम, पेट कि समस्याओ के सरल प्रभावशाली उपाय


हार्ट -अटैक, सर्दी- खासी स्किन प्रॉब्लम, पेट कि समस्याओ के सरल प्रभावशाली उपाय -

आज हम बताएयेंगे कुछ उपाय जो आजमाए और हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा सुझाये गए हैं।

भारतीय व्यंजन में दालचीनी का इस्तेमाल जाय़का लाने के लिए किया जाता है। लेकिन इस मसाले का गुण यहीं तक सीमित नहीं रह जाता है। इसमें ऐसे बहुत सारे तत्व ऐसे हैं जो एसेंशियल ऑयल पैनसिया को बनाते हैं जिससे कि दालचीनी हृदय को स्वस्थ रखती है।


दालचीनी -

पेट के रोग में - अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्यों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता है। सौंदर्य - त्वचा और बालों के सौंदर्य में भी दालचीनी पीछे नहीं है। यह त्वचा को निखारने के साथ ही झुर्रियों को भी कम करती है। दालचीनी पाउडर में नीबू के रस में मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी समाप्त करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत लाभदायक होता है।

 सर्दी-खांसी - सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद असरकार‍क दवा के रूप में काम करती है। इसे पीसकर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में लाभ मिलता है।

  एक अध्ययन के अनुसार, दालचीनी में कोरोनरी धमनी में रक्त वाहिका के फैलाव और रक्त के प्रवाह में सुधार करने की क्षमता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि दालचीनी के सेवन से वजन कम करने और ब्लड फ्लो में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

 

 गलत खान-पान और लाइफस्टाइल के चलते आज 10 में से 7 लोग किसी न किसी हैल्थ प्रॉब्लम्ज से परेशान हैं। उन्हीं में से एक है नसों में ब्लॉकेज की समस्या, जिसे वैरिकोज वेन्स भी कहते हैं। यह समस्या दिल और पैरों की नसों में अधिक देखने को मिलती है। इसके कारण कोरोनरी धमनी रोग, मन्या धमनी रोग, परिधीय धमनी रोग और हार्ट स्टॉक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

मुख्य कारण -

गलत खान-पान व बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाने की वजह से नसों में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं होता। वहीं खून गाढ़ा हो जाने के कारण भी नसों में ब्लड क्लॉट बनने शुरू हो जाते हैं, जो ब्लॉकेज का रूप ले लेता है। इसके अलावा चोट लगने, एक ही पोस्चर में घंटों तक बैठना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, कब्ज, मोटापे के कारण या विटामिन सी की कमी के कारण यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। वहीं उम्रदराज लोगों में भी ये परेशानी अधिक होती है। आइए जानते है इससे बचने के कुछ घरेलू उपाय। ग्रीन टी- ग्रीन टी का सेवन भी बंद नसें खोलने में मदद करता है, क्योंकि इससे खून पतला होता है।

उपाय -

तुलसी- तुलसी के पत्ते, दालचीनी व काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से भी बंद नसें खुल जाती हैं।


लहसुन– भोजन में लहसुन का अधिक इस्तेमाल करें। साथ ही इसकी चाय बनाकर दिन में 2 बार पिएं। बंद धमनियों की समस्या होने पर 3 लहसुन की कली को 1 कप दूध में उबालकर पिएं।


अदरक- भोजन में अदरक का अधिक इस्तेमाल करें या इसकी चाय बनाकर पिएं। 


लौंग का काढ़ा- लौंग, इलायची व काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से भी बंद नसें खुल जाती हैं। फल और सब्जियां- डाइट में मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, चुकंदर आदि शामिल करें। हल्दी- 1 गिलास गुनगुने दूध में 1 चम्मच हल्दी पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाकर पिएं।

पुदीने का तेल- ब्लॉकेज वाले हिस्से पर पुदीने के तेल से मालिश करें। इससे बंद नसें खुल जाएंगी और सूजन व दर्द में भी आराम मिलेगा।

सेब का सिरका- हल्के गुनगुने पानी में आधा चम्मच पिसी हुई बड़ी लाल मिर्च, 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और शहद मिक्स कर लें। इस मिश्रण का भोजन के आधे घंटे बाद सेवन करें।

इलायची- इलायची ब्लड सर्कुलेशन सही रखती है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से फायदा होगा। कुछ चीजों से परहेज रखकर भी आप नसों में ब्लॉकेज की समस्या से राहत पा सकते हैं। नमक व चीनी का सेवन कम करें। सैचुरेटेड व ट्रांस फैट फूड्स लेने से बचें। आइस्क्रीम, तली हुई चीजें, प्रोसेस्ड फूड्स न खाएं। रिफाइंड जंक और नॉनवेज से भी दूर रहें। इसके अलावा तनाव व टेंशन न लें, रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।

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